*कसेकेरा के लोगों ने आवाज उठाई - पेड़ो की रखवाली हो- जगह जगह हरियाली हो* विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 5 जून 2025 को कसेकेरा पंचायत भवन, विज्ञान आश्रम कसेकेरा, शासकीय हाई स्कूल, मिडिल स्कूल एवं संकुल कसेकेरा के समस्त प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक विद्यार्थियों ने भाग लेकर सैकड़ों की तादात में पौधे लगाए । उन्होंने मिलकर एकसाथ जोरदार तरीके से आवाज उठाई "पेड़ हैं सांसे पेड़ है जीवन, पेड़ो की रखवाली हो, जंगल जंगल नाच उठे और जगह जगह हरियाली हो ". ग्राम पंचायत सरपंच राकेश साहू के नेतृत्व मे पंचायत भवन मे उप सरपंच बल्ला ठाकुर के साथ पंचायत प्रतिनिधियों ने पांच - पांच पौधे रोप कर गांव की हरियाली से खुशहाली के लिए घर घर पौधे लगाने एवं कसेकेरा पहाड़ी पर हरियाली लाने के साथ वन्य जीवो की सुरक्षा का संकल्प लिया। विज्ञान आश्रम कसेकेरा के संचालक सेवानिवृत अपर कलेक्टर विश्वास मेश्राम ने बच्चो के साथ वाटर हार्वेस्टिंग पौंड मे पांच पौधे रोपकर वृक्षरोपण की शुरुवात की । इस अवसर पर धरती माँ के सम्मान के लिए...
हसदेव बनता जा रहा है परसाही दादर, धरमपुर। आदिवासी परिवारों को वर्षों से नहीं मिल रहा न्याय और अधिकार* - *अजय ध्रुव*➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖*महासमुंद/27 अक्टूबर 2024* *अनंतकाल से आदिवासी समाज जंगलों के बीच रहकर जल - जंगल और जमीन की रक्षा करते हुए प्रकृति की गोद में अपनी बोली - भाषा , परम्परा और संस्कृति को संरंक्षित कर अपना जीवकोपार्जन करते आ रहे हैं ।
*प्रेस विज्ञप्ति* ➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖ *हसदेव बनता जा रहा है परसाही दादर, धरमपुर। आदिवासी परिवारों को वर्षों से नहीं मिल रहा न्याय और अधिकार* - *अजय ध्रुव* ➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖ *महासमुंद/27 अक्टूबर 2024* *अनंतकाल से आदिवासी समाज जंगलों के बीच रहकर जल - जंगल और जमीन की रक्षा करते हुए प्रकृति की गोद में अपनी बोली - भाषा , परम्परा और संस्कृति को संरंक्षित कर अपना जीवकोपार्जन करते आ रहे हैं । सदियों से विश्व स्तर पर आदिवासी समाज का एक गौरवशाली इतिहास रहा है। प्रदेश में लगातार आदिवासी समुदाय एवं उनके परिवारों के साथ आए दिन अन्याय,शोषण और अत्याचार का मामला बढ़ते क्रम पर है जो थमने का नाम नहीं ले रहा। इसी तरह का एक मामला महासमुंद जिले के परसाही दादर,धरमपुर में देखने को मिला जहां पीड़ित जनजातीय परिवार जो विगत तीस वर्ष पूर्व से कक्ष क्रमांक- 677 में काबिज होकर निवासरत हैं जो अपने अधिकार एवं हक लिए निरंतर संवैधानिक लड़ाई लड़ते हुए बिजली,पानी और मूलभूत सुविधाओं से वंचित होकर बदहाल जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं। ग्रामीण जन लगातार अपने हक अधिकार के लिए शासन प्र...