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Showing posts from July 26, 2024

स्वामी आत्मानंद विद्यालय कोमाखान में कारगिल विजय दिवस मनाया गया।

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  रिपोर्टर नायकराम ठाकुर  *स्वामी आत्मानंद विद्यालय कोमाखान में कारगिल विजय दिवस मनाया गया।*  26 जुलाई 1999 में भारत देश के वीर सपूतों द्वारा शत्रुओं को हराकर देश की सुरक्षा में सेंध लगाने वालों को धूल चटाई गई थी। इस युद्ध में शहीद हमारे जवानों को याद करते हुए नमन किया गया।कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता श्री देवानंद वेदव्यास जी शिक्षक थे जी रिटायर्ड आर्मी मेन हैं।उन्होंने छात्र छात्राओं को विस्तृत रूप से सेना और सेना के विजय दिवस के बारे में अवगत कराया।सेना का सदा सम्मान की भावना हमेशा मन में रहनी चाहिए ।श्री मधुलाल गायकवाड ने छात्र छात्राओं को एनसीसी कैडेट्स के बारे में बताया और उन्हे सेना में जो वीरता का कार्य होता है उसे समझाया।शाला के प्राचार्य हीरासिंग नायक ने कारगिल विजय दिवस की बधाई के साथ अग्निवीर योजना के माध्यम से युवाओं को देश सेवा के लिए प्रेरित किया।इस अवसर पर उप प्राचार्य अनिरुद्ध साहू,कविता चंद्राकर,अंकिता व्यौहार,टोकेश्वरी धीवर,कुसुमलता साव आदि शिक्षकों के अलावा कक्षा 11 और 12 वी हिंदी माध्यम के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

विद्यार्थी कारगिल विजय दिवस का संदेश आत्मसात कर शूरवीर व पराक्रमी बनें : पुरोहित* *सशिमं में मनाया गया कारगिल विजय दिवस* *बागबाहरा।

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रिपोर्टर नायकराम ठाकुर  *विद्यार्थी कारगिल विजय दिवस का संदेश आत्मसात कर शूरवीर व पराक्रमी बनें : पुरोहित* *सशिमं में मनाया गया कारगिल विजय दिवस* *बागबाहरा। * सरस्वती शिक्षा संस्थान के जिला प्रतिनिधि (महासमुंद) और स्थानीय स.शि.मं. संचालन समिति के सदस्य अनिल पुरोहित ने विद्यालय में अध्ययनरत भैया-बहनों से राष्ट्र-चिंतन और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों के निर्वहन हेतु तत्पर और सजग होने का आग्रह किया है। श्री पुरोहित शुक्रवार को स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर उ. मा. विद्यालय में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर आहूत कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री पुरोहित ने कारगिल संघर्ष की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि अब यह आवश्यक है कि समाज के सभी वर्ग राष्ट्र के प्रति जिम्मेदार बनें। शहीदों को नमन और वीर जवानों का अभिनंदन करने के साथ-साथ भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम को आत्मसात करें, यही कारगिल विजय दिवस का मूल संदेश है। श्री पुरोहित ने कहा कि आज हम जितनी भी उपलब्धियां अर्जित कर लें, लेकिन उसका उपभोग हम तभी कर सकेंगे जब हमारा यह राष्ट्र अपने सांस्कृतिक मूल्यों, जीवन मूल...