*कसेकेरा के लोगों ने आवाज उठाई - पेड़ो की रखवाली हो- जगह जगह हरियाली हो* विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 5 जून 2025 को कसेकेरा पंचायत भवन, विज्ञान आश्रम कसेकेरा, शासकीय हाई स्कूल, मिडिल स्कूल एवं संकुल कसेकेरा के समस्त प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक विद्यार्थियों ने भाग लेकर सैकड़ों की तादात में पौधे लगाए । उन्होंने मिलकर एकसाथ जोरदार तरीके से आवाज उठाई "पेड़ हैं सांसे पेड़ है जीवन, पेड़ो की रखवाली हो, जंगल जंगल नाच उठे और जगह जगह हरियाली हो ". ग्राम पंचायत सरपंच राकेश साहू के नेतृत्व मे पंचायत भवन मे उप सरपंच बल्ला ठाकुर के साथ पंचायत प्रतिनिधियों ने पांच - पांच पौधे रोप कर गांव की हरियाली से खुशहाली के लिए घर घर पौधे लगाने एवं कसेकेरा पहाड़ी पर हरियाली लाने के साथ वन्य जीवो की सुरक्षा का संकल्प लिया। विज्ञान आश्रम कसेकेरा के संचालक सेवानिवृत अपर कलेक्टर विश्वास मेश्राम ने बच्चो के साथ वाटर हार्वेस्टिंग पौंड मे पांच पौधे रोपकर वृक्षरोपण की शुरुवात की । इस अवसर पर धरती माँ के सम्मान के लिए...
कोमाखानस्वामी आत्मानंद अंग्रेजी हायर सेकेंडरी विद्यालय में मोटिवेशनल स्पीच का आयोजन छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा तथा विज्ञान आश्रम कसेकेरा द्वारा किया गया.
*जीवन को सफल ही नहीं सार्थक बनाएं - मोटिवेशनल स्पीकर आलोक गुहा*
कोमाखान
स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी हायर सेकेंडरी विद्यालय में मोटिवेशनल स्पीच का आयोजन छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा तथा विज्ञान आश्रम कसेकेरा द्वारा किया गया.
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आए एन आई टी रायपुर से 1984 बैच के माइनिंग इंजीनियर, मोटिवेशनल स्पीकर आलोक गुहा ने कहा कि जीवन में सफलता असफलता आती रहती है। असली बात यह है कि हमारा जीवन कितना अर्थपूर्ण है और हमने इस जीवन में लोगों के जीवन को सूखी बनाने क्या किया। उन्होंने भाषण देने के स्थान पर अपने जीवन की कहानी बताते हुए कहा कि मेरे जीवन में एक स्थिति यह आई कि अपने परिवार के साथ मिलकर रहने और एक ज्यादा अच्छे भविष्य के लिए मैने कोल इंडिया लिमिटेड के अधिकारी पद से रिजाइन कर किया। मेरे परिवार में किसी का भी बिजनेस लाइन में कोई अनुभव नहीं होने के बाद भी, उसके बाद अपनी खुद की कंपनी खोल कर खदानों में काम आने वाले विस्फोटकों का बिजनेस शुरू किया। मैने सोचा कि जब बिना पढ़े लिखे लोग बिजनेस कर रहे हैं तो मैं अपनी शिक्षा का लाभ उठा कर यह क्यों नहीं कर सकता।आज सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि देश के बाहर भी कई देशों में विस्फोटकों के क्षेत्र में निर्माण सेक्टर में हम अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने डिग्री नहीं बल्कि अपने आदर्शों को लेकर आगे बढ़ने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया ।
कोमाखान के अलावा उन्होंने दूरस्थ इलाको में स्थित शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल देवरी एवं शासकीय मिडिल स्कूल कसेकेरा के विद्यार्थियों को कहानी एवं छोटे छोटे ट्रिप्स के माध्यम से संबोधित किया। इस अवसर पर विज्ञान आश्रम कसेकेरा के संचालक, सेवानिवृत्त अपर कलेक्टर विश्वास मेश्राम ने प्रकृति के साथ दोस्ती करते हुए वैज्ञानिक सोच के साथ जीवन को कैसे जिया जाए, इस पर चर्चा की। कसेकेरा मिडिल स्कूल के प्रधान पाठक डा विजय शर्मा ने विद्यार्थियों को मन लगाकर पढ़ने के लिए प्रेरित किया। शासकीय हायर सेकेंडरी देवरी के प्राचार्य डी एस टंडन ने प्रेरणाप्रद व्याख्यान से चारित्रिक निर्माण कर कौशल विकाश करने पर जोर दिया । स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल कोमाखान के प्राचार्य हीराराम नायक ने बताया कि कोमाखान क्षेत्र की उपलब्धियों ने क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है । यहां की परम्परा रही है कि समय समय पर महान हस्तियों ने ज्ञान को सिंचित किया है । उन्होंने इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के लिए मोटिवेशनल स्पीकर आलोक गुहा, विज्ञान आश्रम के संचालक विश्वास मेश्राम, मिडिल स्कूल के प्रधान पाठक डा विजय शर्मा के प्रति आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता ईशा शुक्ला ने किया। राष्ट्रीय विज्ञान माह के प्रथम सप्ताह में आयोजित इस कार्यक्रम में बच्चो ने बहुत सारे प्रश्न पूछ कर अपनी जिज्ञासा शांत की जिनका विशेषज्ञों द्वारा जवाब दिया गया। बातचीत के दौरान एक प्रश्न यह आया कि लड़के लड़कियों के बीच के भेदभाव की धारणा का अंत कैसे होगा? जिस पर आलोक गुहा ने कहा कि यह हमारी सोच पर निर्भर करता है। उन्होंने अपने स्वयं का उदाहरण देते हुए बताया कि जिस दिन मेरे बेटी का जन्म हुआ, उसी दिन मेरा ट्रांसफर बिलासपुर से तमिलनाडु हो गया। लोग कहेंगे कि बेटी का आना परिवार का बिछड़ना हो गया। लेकिन मैने परिवार के साथ मिलकर रहने के लिए इस चुनौती भरे क्षण में नौकरी छोड़ दी। सामान्य स्थिति लोग सोचते कि बेटी का आना सुखद नहीं है किंतु हमने नई शुरुवात, आर्थिक संघर्ष के साथ लक्ष्य प्राप्ति के निरंतर प्रयास ने लक्ष्य तक पहुंचाया आज बेटी लंदन में विश्व बैंक में वैश्विक उत्पादन एवं प्रबंधन विंग में कार्य कर रही है । मुझे गर्व है कि बेटी का जन्म मेरे लिए इतना अधिक महत्व पूर्ण रहा। एक छात्रा ने पूछा कि हम अपने लक्ष्य को कैसे पूरा करे ?
इस पर उन्होंने कहा कि यह हमें भिखारी से सीखना चाहिए ।
भिखारी तब तक खड़ा रहता है , जब तक अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर लेता। उन्होंने हमें उपलब्धि कैसी मिलती है ? का जवाब देते हुए हमें रोज अपने काम तय कर उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत करना बताया।
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