शुक्र ग्रह दिखा हंसिए की तरह और जुपीटर के दिखे तीन चंद्रमा*रायपुर/28 फरवरी 2025/ अंकल यह तो चंदा मामा की तरह हंसिए जैसा दिखाई दे रहा है। एक छोटी बच्ची ने टेलीस्कोप के आई पीस में झांकते हुए कहा।

*शुक्र ग्रह दिखा हंसिए की तरह और जुपीटर के दिखे तीन चंद्रमा*

रायपुर/28 फरवरी 2025/ अंकल यह तो चंदा मामा की तरह हंसिए जैसा दिखाई दे रहा है। एक छोटी बच्ची ने टेलीस्कोप के आई पीस में झांकते  हुए कहा। उन्हें टेलीस्कोप दिखा रहे विज्ञान कार्यकर्ता ने उससे और वहां खड़े लोगों से पूछा कि क्या आपको कहीं चंद्रमा दिखाई दे रहा है। सभी ने आसमान को खंगाला और फिर नहीं में उत्तर दिया। तब विज्ञान सभा के अध्यक्ष और प्रशासन अकादमी निमोरा के पूर्व संयुक्त संचालक विश्वास मेश्राम ने उन्हें बताया कि आज तो अमावस्या है। आज आसमान पर चंद्रमा दिखेगा ही नहीं। ऐसा नहीं है कि आज चंद्रमा की साप्ताहिक छुट्टी है बल्कि अमावस्या के दिन वह सुबह सूरज के साथ उगता है, साथ साथ चलता है और सूरज के साथ ही डूब जाता है । उन्होंने लोगों की जिज्ञासा को शांत करते हुए बताया कि आप लोग जिस खगोलीय पिंड को हंसियाकार देख रहे हैं वह दूज का चंद्रमा नहीं बल्कि पृथ्वी का सिस्टर प्लेनेट शुक्र ग्रह है। इसे हम ग्रीक देवी वीनस के नाम से भी जानते हैं। छत्तीसगढ़ में मानसून की शुरुआती महीनों में जब किसान अपने हल बैल लेकर खेतों की ओर जाता है तो पूर्व दिशा में खूब चमकते इसी ग्रह को देखकर वह कहता है कि सुकुवा उग गया है अब खेतों में काम करने का वक्त हो गया है। वह जानता है कि एकाध घंटे में इसके पीछे पीछे सूरज भी उगेगा और उजला उजला दिन निकल आएगा। जब यह शुक्र ग्रह पूर्व दिशा में दिखाई देता है तो सुबह सुबह दिखने के कारण इसे भोर का तारा या  मॉर्निंग स्टार कहते हैं जबकि यही शुक्र ग्रह शाम को दिखाई देने के कारण इसे शाम का तारा अर्थात इवनिंग स्टार कहा जाता है। वैसे यह नामकरण थोड़ा भ्रामक है क्योंकि शुक्र ग्रह तारा न होकर वास्तव में हमारे सौर मंडल का दूसरा ग्रह है। आजकल वह पश्चिम दिशा में लगभग 40 डिग्री की ऊंचाई पर बहुत चमकदार पिंड की तरह दिखाई दे रहा है। पृथ्वी से देखें जाने पर शुक्र और बुध ग्रह, हमारे चंद्रमा की तरह कलाएं दिखाते हैं। वे कभी पूर्णिमा के चांद की तरह पूरे गोल दिखते हैं तो कभी हंसियाकार और फिर  कभी बढ़ते बढ़ते सप्तमी के चन्द्रमा की तरह आधे हिस्से में चमकदार और शेष हिस्से में काले दिखते हैं। इन ग्रहों द्वारा पृथ्वी से देखें जाने पर कलाएं बनाने का कारण इनका सूर्य के चारों ओर परिभ्रमण करते हुए पृथ्वी से भीतरी कक्षाओं में स्थित होना है। यदि हम मार्स, जुपिटर अथवा सैटर्न ग्रह से पृथ्वी को देखेंगे तो वह भी बुध और शुक्र ग्रह की तरह कलाएं बनाती दिखाई देगी। विज्ञान दिवस पर स्काई वाचिंग के लिए  छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा की टीम ने अपने साथ सावित्री बाई फुले एजुकेशनल एकेडमी सडडू में उपयोग किया जा रहा 200 मिलीमीटर का न्यूटोनियन टेलीस्कोप और विज्ञान आश्रम कसेकरा जिला महासमुंद में उपयोग किया जा रहा 150 मिलीमीटर व्यास का रिफ्लेक्टर टेलीस्कोप सेट किया। उन्होंने डूबते सूरज के पास स्थित शनि और बुध ग्रह को देखने की काफी कोशिश की लेकिन पृथ्वी के क्षितिज के बहुत नजदीक एवं सापेक्ष रूप से ढलते सूर्य के बहुत पास होने के कारण उन्हें नहीं देखा जा सका। 
 जंगल सफारी में यह अवसर था राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा और जंगल सफारी नवा रायपुर द्वारा मिलकर बच्चों और बड़ों के लिए स्काई वाचिंग कैम्प का। जंगल सफारी के डायरेक्टर धम्मशील गणवीर के अनुरोध पर विज्ञान सभा की टीम अपने दो  टेलीस्कोप के साथ शाम होने के पहले से ही उपस्थित थी। विज्ञान सभा के कार्यकर्ताओ के साथ साथ बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे और महाविद्यालयीन विद्यार्थी, गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे। शुक्र ग्रह के बाद जब  छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व सचिव और वर्तमान में रेरा सदस्य धनंजय देवांगन ने टेलीस्कोप से बृहस्पति ग्रह के तीन चंद्रमा को बृहस्पति की डिस्क के साथ एक ही रेखा में देखा तो उनके मुंह से आश्चर्य से वाह वाह निकल गया। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब मैं न सिर्फ बृहस्पति ग्रह को बल्कि उसके तीन तीन चंद्रमाओं को भी देख पा रहा हूं। दो दो टेलीस्कोप होने के बावजूद शुक्र ग्रह, बृहस्पति ग्रह और मंगल ग्रह को देखने के लिए  लोगों को लंबी लाइन लगानी पड़ी। विद्यार्थियों के अनुरोध पर उन्हें ओरायन नेबुला, प्लीओडिस स्टार क्लस्चर, पृथ्वी से रात को दिखने वाला सबसे चमकीला तारा सायरस, मंगल ग्रह के साथ दिखाई दे रहे पुनर्वसु नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्रों का भी अवलोकन कराया गया। विज्ञान सभा रायपुर इकाई की सचिव अंजू मेश्राम ने विद्यार्थियों को विज्ञान दिवस की जानकारी दी। जंगल सफारी के एजुकेशन इंचार्ज चंद्रमणि साहू और बायोलॉजिस्ट ऋद्धि गोस्वामी ने आयोजन स्थल की पूरी व्यवस्था संभाली थी। एन आई टी एलुमनी से धनंजय देवांगन के साथ जेड एम खान द्वारा भी इस आयोजन को सफल बनाने में हिस्सेदारी की गई। जंगल सफारी के डायरेक्टर धम्मशील गणवीर ने इस स्काई वाचिंग कैम्प की प्रशंसा करते हुए बताया कि 3 मार्च को विश्व वन्य जीव दिवस के अवसर पर भी पब्लिक प्रोग्राम आयोजित किए गए हैं उन्होंने विद्यार्थियों से इन आयोजनों में भाग लेने की अपील की।

विश्वास मेश्राम 
छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा 
8959591845
6261074210
vigyanashramkasekera@gmail.com

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